फरीदाबाद। कोविड-19 का बहान बनाकर व्यापारी वर्ग व किसानों को बर्बाद करने पर तुली है प्रदेश की भाजपा सरकार। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस महासचिव बलजीत कौशिक ने गृहमंत्री के शनिवार व रविवार को बंद के निर्णय को तुगलकी फरमान बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश की जनता की कमर पूरी तरह से टूट जाएगी। पहले ही लॉकडाउन की मार झेल चुके लोग अब और ज्यादा सहन नहीं कर सकते।
The decision of the BJP government of the state is anti-business: Baljeet Kaushik
Faridabad. The BJP government of the state is bent on ruining the business class and farmers by making the excuse of Kovid-19. Haryana Pradesh Congress General Secretary Baljit Kaushik termed the Home Minister’s decision to shut down on Saturday and Sunday as a Tughlaki decree and said that this would completely break the back of the people of the state. People who have already suffered lockdown cannot bear it anymore.
उन्होंने कहा कि अगर सरकार को लोगों की इतनी ही चिंता है तो फिर शराब के ठेके क्यों शनिवार-रविवार को बंद नहीं कराए जा रहे। क्या अपनी दुकान चलाने वाले व कंपनी चलाने वाले व्यापारी ही कोरोना का शिकार होंगे।
कौशिक ने कहा कि कोरोना महामारी पीरियड के दौरान लोगों की आर्थिक हालात पहले ही खराब है, कंपनी प्रबंधक मजदूरों को नौकरी से निकाल रहे हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार का तुगलकी फरमान लोगों के लिए जी का जंजाल बन चुका है।
उन्होने तुरंत प्रदेश की भाजपा सरकार से इन तुगलकी फरमानों को वापिस लेने का अनुरोध किया।
बलजीत कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार के इस निर्णय के बाद समस्त व्यापारी वर्ग त्राहिमाम करने लगा है। पहले ही मंदी के दौर से गुजर रहा व्यापारी वर्ग के सामने दो दिन बाजार बंद रहने से भूखो मरने की नौबत आ जाएगी।
उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पहले नोटबंदी ने व्यापारियों को तबाह कर दिया, फिर जीएसटी के माध्यम से व्यापारियों के धंधे ठप्प कर दिए और रही सही कसर 25 मार्च से लगे लॉकडाऊन ने पूरी कर दी है, जिन दुकानदारों ने दुकानें किराए पर ले रखी है और स्टाफ रख रखा है, दो दिन दुकानें बंद रहने से उनकी आर्थिक स्थिति बिगड़ जाएगी क्योंकि शनिवार और रविवार को ही सबसे ज्यादा ग्राहक बाजारों में आता है। प्रदेश सरकार को व्यापारियों व दुकानदारों को प्रोत्साहित करना चाहिए, उनकी मदद करनी चाहिए, इसके विपरीत सरकार नित-नए कानून लाकर उनकी रोजी-रोटी पर लात मार रही है।